उन ख़्वाबों को भी क्या नाम दूं ? जो सिर्फ जेहन में आए थे ! उन ख़्वाबों को भी क्या नाम दूं ? जो सिर्फ जेहन में आए थे !
हाउसवाइफ सुनती है रोज़ यह तानें, फिर भी मुस्कुराकर काम करती है। हाउसवाइफ सुनती है रोज़ यह तानें, फिर भी मुस्कुराकर काम करती है।
ये बात है 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप की, भारतीय टीम आंकी गई थी काफी कमजोर, ये बात है 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप की, भारतीय टीम आंकी गई थी काफी कमजोर,
न है कोई धर्म इसका न कोई है इसका मज़हब भारत की जीत ही है इसका एकमात्र मक़सद। न है कोई धर्म इसका न कोई है इसका मज़हब भारत की जीत ही है इसका एकमात्र मक़सद।
देखेंगे फिर ये दुनिया सारी देखेंगे फिर ये दुनिया सारी
क़लम शोर नहीं करती क़लम तो बस लिखना जानती है ! क़लम शोर नहीं करती क़लम तो बस लिखना जानती है !